Sumit Bhardwaj   (The Callow Author)
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Joined 14 January 2017


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Joined 14 January 2017
23 MAY 2017 AT 0:07

फिक्र तो इतनी थी तेरी इस दिल को ए सनम,
की सिसकियां तुम भरती थी और आँशु मेरे निकल जाते थे।

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14 JAN 2017 AT 11:44

'Thank You Google Maps for showing us the way when one else around helped.'

Yours Travelers

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28 MAR 2021 AT 12:19

अब के बरस जब मिलेंगे होली पे,
मल के हाथों में हम गुलाल रखेंगे।
होंठो पे हँसी, मन में उमंग,
ना दिल में कोई मलाल रखेंगे।।

आधी कसमे, अधूरे वादे,
रह गये कच्चे क्यों इश्क़ के धागे?
ना सामने उनके कोई सवाल रखेंगे।।

अब के बरस जब मिलेंगे होली पे,
मल के हाथों में हम गुलाल रखेंगे।।

- सुमित भारद्वाज
(@thecallowauthor)

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26 JAN 2021 AT 20:26

खिड़की से सटा कर पलंग लगाकर,
मैं घंटो बैठता हूँ चाँद पे नजरे टिकाकर।
संग उसके मुझे कुछ अपना सा लगता है,
चाँद भी मुझको बड़ा तन्हा सा लगता हैं।।

- सुमित भारद्वाज।
(@thecallowauthor)

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13 JAN 2021 AT 0:35

जिस्म में दबी-दबी सी रूह,
गुमसुम गुमसुम रहती है क्यों?
क्यों करता नहीं कोई अपने मन की?
सब के मन की हम करते है क्यों?

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4 OCT 2020 AT 21:30

Below is a land full of magic.
Above is a sky full of spells.
And trapped between them is a
spirit that constitutes 'You' & 'I'.

A spirit as thin as 'air'.
A spirit as thick as 'blood'.
A spirt as enlightened as 'monk'.
A spirit as lost as 'us all'.

That spirit is what we call 'LOVE'.

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11 AUG 2020 AT 21:48

सितारों की तो फ़ितरत ही है टूटना।
फ़लक से बेवफ़ाई कर ज़मी को चूमना।

- सुमित भारद्वाज
(@thecallowauthor)

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3 AUG 2020 AT 23:59

'प्रेम' का ही पर्याय है 'दर्द'।
दोनों केवल महसूस होते है मगर दिखते नहीं।

'प्रेम' का ही विलोम है 'दर्द'।
एक बाँटने से बढ़ता है, दूसरा घट जाता है।

कौन जाने?
हम बँधे है 'पर्याय' से या 'विलोम' से?


- सुमित भारद्वाज।
(@thecallowauthor)

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1 AUG 2020 AT 21:16

हर ज़मीं का एक अपना आसमाँ होता है,
हर आसमाँ की होती है अपनी एक ज़मीं।
हर ख़ुशी का अपना एक गम होता है,
हर ग़म की होती है अपनी एक खुशी।

जो लोग होते है अलग मिल जाये अगर,
वो मिल कर अलग फिर कभी होते नहीं।
बिछड़ते है, बिखरते है, रास्ते भी बदलते है,
रहते है एक दूसरे में लेकिन पनपते से कहीं।

- सुमित भारद्वाज
(@thecallowauthor)

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21 JUL 2020 AT 20:55

हमसफ़र जो अगर तुम हो,
कैसे ना हम सफ़र में गुम हो?

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