उसने इश्क़ किया, वफ़ा पाई, दर्द सहा मेरे यार तेरी किस्मत में वो भी न हुआ कई चीलमन थे उसकी हवेली में शायर वो खुदगर्ज़ ऐसी, तुझे एक इशारा न मिला -
उसने इश्क़ किया, वफ़ा पाई, दर्द सहा मेरे यार तेरी किस्मत में वो भी न हुआ कई चीलमन थे उसकी हवेली में शायर वो खुदगर्ज़ ऐसी, तुझे एक इशारा न मिला
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