वो चाँद को अब भी सताता तो होगा,
तारों से बातें कर मुस्कुराता तो होगा।
मान किया मुझे भूल चुका होगा अब तक,
चाँद उसे कभी मेरी याद दिलाता तो होगा।
कह कर चला गया की अब साथ नहीं हम,
हमारी कहानियाँ मन में दोहराता तो होगा।
हाथ की लकीर में चलो मान लिया वो मेरा नहीं,
अपने हाथ की लकीरें अक्सर खुजाता तो होगा।
वो कैसा दिखता था अब धुंधला याद है मुझे,
मगर मेरा सायां यक्सर उसे सताता तो होगा।
नींद से जीत कर सपने में हिज्र मानता तो होगा।
किसी और धरती पर वो मेरा कहलाता तो होगा।
-