24 FEB 2017 AT 7:09

उन सर्द रातों में, गरीबी के मारे नन्हों के दाँत कटकटाने की ध्वनियाँ चारों ओर पसर रही थी। किसी दिलदार ने कंबल ला ओढ़ा दिया, उनके आँखों की चमक उस रात में थोड़ी और चाँदनी भर गई।
- सौRभ

- सौरभ