तुम चाँदी की हो थाल प्रिये,मैं पीतल का सा बर्तन हूँखोट तो मुझमे दिखे नहींजब बजता सिक्का खन-खन हूँ।- सौRभ - सौरभ
तुम चाँदी की हो थाल प्रिये,मैं पीतल का सा बर्तन हूँखोट तो मुझमे दिखे नहींजब बजता सिक्का खन-खन हूँ।- सौRभ
- सौरभ