17 FEB 2017 AT 17:12

तुम चाँदी की हो थाल प्रिये,
मैं पीतल का सा बर्तन हूँ

खोट तो मुझमे दिखे नहीं
जब बजता सिक्का खन-खन हूँ।

- सौRभ

- सौरभ