मै ज़िंदगी के कागज़ पर जो दर्द के कलम से कुछ लिखने की ख्वाहिश करता हूँ,कागज़ भी भर जाता और स्याही भी कम न होती है ।- सौRभ - सौरभ
मै ज़िंदगी के कागज़ पर जो दर्द के कलम से कुछ लिखने की ख्वाहिश करता हूँ,कागज़ भी भर जाता और स्याही भी कम न होती है ।- सौRभ
- सौरभ