मैंने गाढ़े नशे में महसूस किया है
मैं सिर्फ आज़ाद होना चाहता हूँ
जमी है बर्फ-सी आँखों पे उदासी
झरनों-नदियों-सा बहना चाहता हूँ
करवटें बहुत-बहुत बेचैन है मेरी
माँ की गोद में सोना चाहता हूँ
सफऱ की तेज़ धूप का सताया हूँ
बरगद की छाँव का बिछौना चाहता हूँ
मैं रोता हुआ बच्चा हूँ
अपनी मर्ज़ी का खिलौना चाहता हूँ
- Sohan Chauhan