हा नहीं चाहा था तुझे शिद्दत से मैं इंसान हूं झूठ बोल सकता हूंमगर इस कलम का क्या करू ये झूठ बोलना नहीं जानती - सिद्धार्थ दाधीच "मानस"
हा नहीं चाहा था तुझे शिद्दत से मैं इंसान हूं झूठ बोल सकता हूंमगर इस कलम का क्या करू ये झूठ बोलना नहीं जानती
- सिद्धार्थ दाधीच "मानस"