28 MAY 2017 AT 23:43

हा नहीं चाहा था तुझे शिद्दत से मैं इंसान हूं झूठ बोल सकता हूं
मगर इस कलम का क्या करू ये झूठ बोलना नहीं जानती

- सिद्धार्थ दाधीच "मानस"