20 MAY 2017 AT 22:11

बिक जाती हूँ,
तो घर का चूल्हा जश्न मनाता है,
जो न बिकू तो,
जिस्म न टूटने का जश्न मनाता है!

तवायफ़ हूँ साहब,
समझ नही आता किस जश्न में
खुशी मनाऊं?

- शुभी खरे "मनोराज"