20 APR 2017 AT 23:01

तारों से जितना चाहूँ उतनी बातें कर लिया करता हूँ
क्योंकि जवाब में तो बस "चुप्पी" ही हासिल होती।
जब भी अंधेरे में देखना चाहूँ सरलता से देख लेता हूँ
मगर हाथ बढ़ा कर छुना उतना ही मुश्किल हो जाता है।
कुछ ऐसी ही हो तुम बस मेरी आँखों में टिमटिमाती हो
तस्वीरों में दिखती हो और असल में मीलों दूर हो ।

- Shrey Nirvick