"कौन?"
में कौन हूँ?
तुम कौन हो?
वो कौन है?
ये कौन है?
ये कौन कौन है?
दिखते एक से, चलते एक से,
फिर भी एक दूसरे से पूछते ये कौन कौन है?
सीधी साधी सी ज़िंदगी,
को बनाते कठिन ये कौन कौन है?
तुम कौन? में कौन? वो कौन?
ये भी सब एक ही बीज के हे पौधे,
लेकिन आखों की पट्टी रोकती हे रास्ता,
और उलझाती हे हमें, की कौन कौन हे ?
-सुनीता गुप्ता
Sunita Gupta
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