अच्छा तो तुम खुशियां हो, मोहब्बत हो, नूर हो।तभी मैं सोंचू, मुझसे क्यों दूर हो। - Shorit saxena
अच्छा तो तुम खुशियां हो, मोहब्बत हो, नूर हो।तभी मैं सोंचू, मुझसे क्यों दूर हो।
- Shorit saxena