रिश्तों की दरार का तो पता नही जनाबमेरे तख़्त में बड़ी दरारें पड़ गयी हैं।कोई तो एक कारीगर को बुलवा दो;आवाज बहुत करता है रातों को।। - Shiv Chauhan
रिश्तों की दरार का तो पता नही जनाबमेरे तख़्त में बड़ी दरारें पड़ गयी हैं।कोई तो एक कारीगर को बुलवा दो;आवाज बहुत करता है रातों को।।
- Shiv Chauhan