11 APR 2017 AT 15:13

शाम बड़ी हैरत हुई
देखा जो उसकी आँखों में
खुद को भूल कुछ पल
डूबा उसके ख्यालों में
मेरे अंदर का शायर
गुमशुदा हो गया
उस शायरी की छाव में
हाल ए दिल की गुफ्तगू
कुछ युँ हुई इशारों में
लौट तो आया था पर
धड़कन रह गयी
उन्ही गलियारों मे
खुशनुमां हुआ मौसम
मिज़ाज शायराना कर गयी वो
नूर ए झलक उसकी
रह गयी मेरी आँखो में

- Shipra