अच्छे लगते है ये त्यौहार मुझे,क्योंकि, लेके आते है येरिश्तों को लौटाकर घर।चाहे चंद पलों के लिए ही सही,टूटा-बिखरा परिवार फिर सेमिल-जुल हो जाता है एकाकार। - शिखा अनुराग
अच्छे लगते है ये त्यौहार मुझे,क्योंकि, लेके आते है येरिश्तों को लौटाकर घर।चाहे चंद पलों के लिए ही सही,टूटा-बिखरा परिवार फिर सेमिल-जुल हो जाता है एकाकार।
- शिखा अनुराग