प्यार में इंतजार रहता है.. प्रेमी अक्सर इंतजार में रहते है... ऐसा सुना था मैंने.. और फिर ऐसा चाहा भी था.... लेकिन तुम्हारे साथ सीख रहीं हूं इंतज़ार को खूंटी पे टांग कर प्यार करना ... मैं भूलना चाहती हूं वो सारी परिभाषाएं जो प्रेम कवियों ने गढ़ी थी. और रोज़ दोहराती हूं ख़ुद में की हर प्रेम अलहदा होता है जिसे परिभाषाओं मे नहीं बांधा जा सकता... और इसी के साथ मैं रोज यकीन दिलाती हूं खुद को की तुम्हें मुझसे प्यार है परिपक्व वाला इसीलिए इसमें भले ही "उस" प्यार वाली बात नहीं... लेकिन......... प्यार है.
वो कहते हैं कि अगर कोई चीज़ खो जाए, तो उसे ढूंढना नहीं चाहिए . ढूंढ़ने पर वो चीज़ कभी नहीं मिलती. उसे वहीं छोड़ दो, वो ख़ुद ब ख़ुद मिल जाएगी... मैंने भी तुम्हें खोजना बंद कर दिया है. सुनो.... तुम मुझे मिल तो जाओगे न...??