जाने क्यों ये एहसास है रहा है
कि तुमने मुझे अपने जादू से मुक्त
कर दिया है
अब इंतजार में वो बेचैनियाँ नहीं
पर ये जिंदगी भी जिंदगी नहीं अब!
मुझे फिर से इंतजार है किसी जादू का
हाँ, ये दुनिया भी किसी जादू पर ही टिकी है
हाँ, ये जादू ही गूँथता है दिन को रात से
सुबह को शाम से
और दोपहर को बेचैनियों से!
- सीmaa