ये कलम और घड़ी,
देखने वालों के लिए
बहुत ही आम होगें,
पर मेरे लिए
बहुत खास हैं,
मेरा दिल और धड़कन हैं,
क्योंकि इनमें तुम जो बसती हो,
जब बाँध लेता हूँ ये घड़ी
कलाई पर अपनी,
तो थाम लेती हो तुम
हाथ मेरा,
और ये कलम जो हमेशा
मेरी जेब में रहता है,
बिल्कुल मेरे दिल के पास,
जब भी लिखता हूँ मैं,
कविता कोई,
तुम्हीं उतर आती हो हर
कविता में मेरी...!
सौरभ शर्मा
(नई दिल्ली)
05 दिसम्बर 2021
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