Saurabh Rathi   (Saurabh Rathi✒)
645 Followers · 469 Following

read more
Joined 7 December 2016


read more
Joined 7 December 2016
12 JUL 2022 AT 18:53

Mat hona bade, ye jeewan ki barbadi hai,
Bache bane rehna hi asal kamyabi hai...

-


9 JUL 2022 AT 10:13

मैं समझ ना पाया खुद को अब तक,
और दुनिया ने ना जाने मुझे क्या क्या समझ लिया ।

-


15 APR 2022 AT 12:42

लोग कहते हैं,
किसी के जाने से,
दुनिया रुकती नहीं है ।

पर पूछो ज़रा उस से,
जिसने खोया हो किसी को,
किसी के जाने से,
उनके लिए दुनिया रुकती नहीं,
खत्म सी हो जाती है ।

-


2 NOV 2021 AT 23:29

कुछ थमी हुई सी है ख्वाहिश सबकी,
कुछ तंग तंग है जेबे अभी,
लगता है लोग अब,
खुद कमाने लगे है ।

कुछ ठंडा सा है बाजार ये,
अब खर्चे भी है गिने चुने,
अब जरुरते छाट कर लोग,
पैसे बचाने लगे है ।

-


26 APR 2021 AT 16:37

इन नशीली आंखों में, नशा सा एक बरकरार है ।
इन नशीली आंखों में, आंखें डूबने को बेकरार है ।
होश है या बेहोशी, हमें कुछ होश नहीं अभी ।
पर इन आंखों की मदहोशियो में, हम खोने को तैयार है ।

-


26 APR 2021 AT 16:35

कभी-कभी हम खुद से उनकी बात करते है ।
कभी-कभी हम खुद से उनकी बात करते है।
इतना डूब जाते है उनके ख़यालो मैं ।
के ख़यालो मैं भी बस उन्हें ही याद करते है ।।

-


17 APR 2021 AT 1:14

ऐसा युद्ध न देखा, ऐसा संघर्ष न देखा,
जब घर घर बैठे योद्धा, लड़ रहे एक लड़ाई है,
जो शत्रु है अदृश्य, बलवान है बड़ा,
खड़े है, उसे हराने युद्ध, जो एक विपदा आयी है ।

हर इंसान है डरा, हर इंसान बेबस है,
अपनी सुरक्षा अपने हाथ, बस बात समझ ये आयी है,
रोटी का रण कुछ थमा हुआ सा है,
बस अभी घर रहने में भलाई है ।

कुछ भटके है, कुछ भूके है,
कुछ के घर-बार का पता नहीं,
कुछ लगे है चुपचाप सेवा में,
नाम इस बलिदान का पता नहीं ।

हर शख्स थमा इस वक़्त में,
हर घड़ी गुजरती धारा सी,
हो सके जो कर दो वो मदद,
ये कर्तव्य है हमारा ही ।

-


15 AUG 2020 AT 10:13

मैं आज़ाद हूं,
आज़ाद हूं मैं किसी के अत्याचार से,
मैं आज़ाद हूं,
आज़ाद हूं मैं समूचे संसार से,
मैं आज़ाद हूं,
आज़ाद हूं मैं आज़ाद हिंदुस्तान में,
मैं आज़ाद हूं,
और आज़ादी है भारत की हर संतान में ।

मैं आज़ाद हूं,
आज़ादी मिली ये मुझे कितनो के बलिदानों से,
भगत सुभाष के जोश से, गांधी के विचारों से,
लाल बाल पाल के नेतृत्व से, आज़ादी के दीवानों से |

किस किस का मैं नाम लिखूं,
एक-एक ने जीवन लगा दिया,
खुल कर हम सांस ले सके,
हमें आज़ादी का तोहफा दिया |

अपने जीवन में कितनो ने ले कर अंधेरा,
आज़ाद सुबह हमें दिखलाई है,
स्वराज अधिकार है हमारा जन्म से,
ये बात हमें सिखलाई है |

इस आज़ादी कि कीमत समझो,
आज़ादी का आभार करो,
देश बनता है देश के लोगो से,
और यहां हर इंसान से प्यार करो |

-


28 JUL 2020 AT 23:05

कुछ गम हमें भी होते है,
अरे हाँ भाई, लड़के भी रोते है,
हम भी नहीं बने है पत्थर के,
हम भी चिंता में नहीं सोते है ।

-


26 JUL 2020 AT 23:49

Har Chiz ka hisab kyu krti hai duniya,
Itne sawal jawab kyu krti hai duniya,
Waqt aaega to Waqt bta dega na,
Bewaqt hi Waqt ki Baat kyu krti hai duniya..

-


Fetching Saurabh Rathi Quotes