ना जीने की तमन्ना... ना मरने की ख्वाहिश... बात तो तेरी है... जहाँ से सारी चिताएं धुंआ बन जाती है... हाँ... वही बनारस की घाट में... मिलने वाला हूँ तेरे से... शायद तेरे साथ जुड़ के... मेरे सारे पाप धूल जाए...
तकलीफ की क्या बात है जनाब... हम तो प्यार किये थे... सच्चे दिल से किये थे... कड़वाहट तो उनके मन में था... जो हमारे प्यार को गुनहगार का नाम दिया गया... हमें जिंझोड़ कर हमारे दिल को चकमाचुर किया गया...
Sometimes Ignorance create misunderstandings... Our beloved ones never ever regret... Never text us... Never reply our message... They do Ignore... Like we crucify our hearts... With one message from them... We wish, we have... But they never do...