वो क्या थी क्या नहीं इस बात से हमें इत्तेफ़ाक नहीं
तुम जो हो, तुम वो हो, जो वो कभी नहीं हो सकती
बाअदब़ अपने दिल को समझाती रहती है वो
पर उसे यह पता नहीं, जो मेरे पास है, वो सबसे ख़ास है
इस बात से क्या तार्रुफ़ करना जिस बात का कोई वजूद नहीं
वो हो नहीं सकती तुम जैसी कभी, और तुम्हारे जैसी कोई और नहीं।
- ©Satty ©रूहानियत