पैदा करती,पालती है,फिर
कैसे,खुद से जुदा करती है?
मोहजनित व्यथा कम हो,
इसलिए अपनी छाया को,
शुरू से ही पराया कहती है।
पहले उसे फिर उसकी यादों को,
सीने से लगा कर रखती है,
पीड़ा को प्यार में छिपा कर,
माँ,बेटी को विदा करती है,
ये तो एक माँ ही जानती है,
कलेजे से जुड़ी,
अपनी,परायी बेटी को,
माँ कितना प्यार करती है ।
- सरिता