बेटी की बूढ़ी माँ,संतान होने पर भी,सदा असुरक्षित ही,महसूस करती है।बेटी ब्याहने के बाद,विरह के दंशऔर खाली सन्नाटे,से माँ डरती है।नहीं तो जन्मदायिनी माँ,बेवजह बेटे-बेटी में,विभेद नहीं करती है। - सरिता
बेटी की बूढ़ी माँ,संतान होने पर भी,सदा असुरक्षित ही,महसूस करती है।बेटी ब्याहने के बाद,विरह के दंशऔर खाली सन्नाटे,से माँ डरती है।नहीं तो जन्मदायिनी माँ,बेवजह बेटे-बेटी में,विभेद नहीं करती है।
- सरिता