22 APR 2017 AT 14:59

बेटी की बूढ़ी माँ,
संतान होने पर भी,
सदा असुरक्षित ही,
महसूस करती है।
बेटी ब्याहने के बाद,
विरह के दंश
और खाली सन्नाटे,
से माँ डरती है।
नहीं तो जन्मदायिनी माँ,
बेवजह बेटे-बेटी में,
विभेद नहीं करती है।

- सरिता