22 MAR 2017 AT 18:48

तुम मुझे
पढ़ नहीं सकते
शायद इसीलिये
मैं इतना खुल के
लिखती हूँ
कि अगर तुम
पढ़ सकते
मेरी ज़ुबान
तो मेरी क़लम
इतनी बेलौस
न होती...

-सारिका

- Sarika Saxena