तुम मुझे पढ़ नहीं सकते शायद इसीलिये मैं इतना खुल के लिखती हूँकि अगर तुम पढ़ सकते मेरी ज़ुबान तो मेरी क़लम इतनी बेलौस न होती...-सारिका - Sarika Saxena
तुम मुझे पढ़ नहीं सकते शायद इसीलिये मैं इतना खुल के लिखती हूँकि अगर तुम पढ़ सकते मेरी ज़ुबान तो मेरी क़लम इतनी बेलौस न होती...-सारिका
- Sarika Saxena