इस ज़माने में किसी को नहीं हैमुझसे कोई आस,कहने को तो पूरा मेला हैपर कोई नहीं है अपना खासवो तो भोली मेरी माँ हैजिसको है अपने बेटे पर,सारी दुनिया का सारा विश्वास- साकेत गर्ग 'सागा' - साकेत गर्ग ’सागा’
इस ज़माने में किसी को नहीं हैमुझसे कोई आस,कहने को तो पूरा मेला हैपर कोई नहीं है अपना खासवो तो भोली मेरी माँ हैजिसको है अपने बेटे पर,सारी दुनिया का सारा विश्वास- साकेत गर्ग 'सागा'
- साकेत गर्ग ’सागा’