खो जाने को दिल चाहता हैग़ैरत-ए-ग़म में,वैसे भी अब बचा ही क्या हैतुम्हारे बिन....'हम' में- साकेत गर्ग - साकेत गर्ग ’सागा’
खो जाने को दिल चाहता हैग़ैरत-ए-ग़म में,वैसे भी अब बचा ही क्या हैतुम्हारे बिन....'हम' में- साकेत गर्ग
- साकेत गर्ग ’सागा’