Roheet Vermaa   (@vermaaji_)
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Joined 11 April 2017


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22 DEC 2022 AT 21:50

सुनो यार

ये उस पाकिस्तान की कहानी है
एक लड़की चनाब नगर की रानी है

किताबों से है उसका खासा राब्ता
सुना है किसी "वर्माजी" की दीवानी है

यार मैं कर रहा हूं उससे बातें ऐसे
जैसे ताल्लुक पुराना दोस्ती पुरानी है

उसको सुनाया है अभी गीत नया
अभी कोई ताज़ा ग़ज़ल सुनानी है

कहा था उसने पिछली दफा ये
मुझ को कुछ चीज़े हटानी है

एक अच्छी सी तस्वीर खेंचना मेरी
यार मुझे अपनी "dp" पे लगानी है

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29 DEC 2021 AT 16:44

हम लिखते है हसीनाओं पर क़सीदे
बेवफाओं पर कहानियाँ लिखते हैं

हम मरने वाले का आखरी ख़त
हम जीने वाले के ख्वाब लिखते है

आपको लगता है मगर ऐसा है नही
हम पैसे लेकर हर एक बात लिखते है

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27 JUL 2019 AT 23:37

सुकून मिलता है बस जाकर वहाँ
कौन जाने कौन रहता होगा वहाँ

मेरी कोई आवाज़ ही नही सुनता
सब बेहरे तो नही रहते है ना वहाँ

तुम ही तोड़कर दे दो ना तारे मुझको
मेरा जो हाथ नही पहुँच रहा है वहाँ

तुम्हारे यहाँ तो पुल के ऊपर भी पुल हैं
बिजली नही पहुँची अभी तक हमारे वहाँ

उस पहाड़ी को देख रही हो ना तुम
ज़रा गौर से देखो मेरा बचपन गुज़रा है वहाँ

उससे हॉस्पिटल में लड़ पड़ा था इसबात पे
मिलने बुलाया था तो क्यों नही आई वहाँ

आज़ादी छीनना यहाँ शौक है अमीरों का
खुली हवा में चहकते है पंछी हमारे वहाँ

हम जम्मू वाले परेशान है ये सुन सुनकर दोस्तों
बाहर के लोग कहते है "बर्फ तो गिरती होगी तुम्हारे वहाँ"

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20 JUL 2019 AT 1:36

यूँही निकलता है रात में चाँद
दोस्ती चलो तारों से कर लो

ये दरिया है सोनी महिवाल का
कर सकते हो तो पार कर लो

नींद ख़्वाब बेचैनी कसमसाहट
सोने जा रहे हो तो याद कर लो

कबतक ख़ुदको रोककर रखोगी
मुझसे ही सही बात कर लो

मोहब्बत की तैयारी हो रही है
ख़्वाब का ज़रा ख़्याल कर लो

तन्हा लोगों की यही सलाह
ज़िन्दगी बस किनारा कर लो

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13 JUL 2019 AT 16:18

तेरे कहने पे भी चुप रहूँ तो समझ जाना
तुमसे निगाहें जो कह रही हो समझ जाना

मेरी समझ से परे है दुनिया के तमाम इशारे
मैं खांसता हुआ पाससे निकलू तो समझ जाना

वो करने लगे जब हर बातपे टोकाटोकी मिया
मन भर गया होगा उसका बस समझ जाना

कोई साज़िश होगी या कोई काम होगा उसको
वो दिखाने लगे ज़्यादा मोहब्बत तो समझ जाना

कोई नही होता जो चुपी समझे किसीकी
इतना आसान है क्या किसीको समझ जाना

बोलते बोलते तुमपे चिल्लाने लग जाए
बस माँ अब रोने वाली है समझ जाना

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2 JUL 2019 AT 0:22

सादगी हमको पसन्द है इसलिए तुम्हे पसंद करते है
हमको ये बात कहा गवारा लोग तुमको पसंद करते है

हाँ इस बात पे खुदसे अक्सर होती है गहमा गहमी
जिसे हम पसंद करते है सब उसे क्योंकर पसंद करते है

आप सब जाने कैसे सांस ले लेते है बड़ी बड़ी पोशाकों में
हमे ज़िन्दगी प्यारी है इसलिए कुर्ते में रहना पसंद करते है

कुछ ही लोग होते है जो यादों को संभालकर रखते है
ऐसे लोग ही हर वक़्त तस्वीरें खेंचना पसंद करते है

बस गिने चुने ही दोस्त है दुनिया में हमारे मियाँ
दोस्ती भी उनसे है जो अकेले रहना पसंद करते है

दुनिया से जिनको हमेशा दिक्कत ही रही दोस्तों
ऐसे लोग ज़्यादातर नशे में रहना पसंद करते है

जिनके पास होते है सवालों के जवाब बेशुमार
अपनो के बीचमें भी वो लोग चुप रहना पसंद करते है

मुझे ऐसे लोगों पे कभी कभी बड़ा तरस आता है मियाँ
खुले ख़यालोंवाले पिंजरे में परिंदे रखना पसंद करते है

कौन समझाएगा कौन बताएगा ये बात उसको
गवार कहा जाता है जो दुआए देना पसंद करते है

हम कहने तो गए थे लेकिन फिर कह ना पाए
हमारे घरवाले भी तुमको बड़ा पसंद करते है

जिनको वक़्त वक़्त पे मिला हो धोखा "वर्माजी"
कलाई में घड़ी पहना ज़्यादा वही पसंद करते है

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1 JUL 2019 AT 16:05

बह रहा है काजल और ज़ुबाँ चुप है
सिसकियों का शोर और ज़ुबाँ चुप है

आँखों में है उदासी और ज़ुबाँ चुप है
किसीका इंतज़ार इसलिए ज़ुबाँ चुप है

सहमा हुआ है वक़्त ज़ुबाँ चुप है
निढाल खड़ी हुई है ज़ुबाँ चुप है

अल्फाजों का बवंडर ज़ुबाँ चुप है
किसीकी खातिर शायद ज़ुबाँ चुप है

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29 JUN 2019 AT 0:17

मैं हूँ सिर्फ खुदसे परेशान
मुझे ख़ुदको खुदसे बचाना है

मेरे भीतर मौजूद है सबकी तस्वीरें
उन तस्वीरों का काम मुस्कुराना है

मुझे रास्ता मिल जाए बस
मुझे खुदसे बड़ी दूर जाना है

मुझे कुछ भी पसंद नही आता
मेरे अंदर तन्हा ज़माना है

मेरे अंदर कोई चीखता रहता है
उसी को आराम से समझना है

मेरी आँखें अक्सर कहती है मुझको
ख़ुदको वास्ते किसके सजाना है

ख़ुदको हर रोज़ बेचना है मुझको
खुदही को खरीद के लाना है

जीने का कोई मकसद नही
ख़्वाब को भी क्योंकर आना है

मुझको मनाने कोई नही आता
मुझसे उम्मीदे तुम्हे मनाना है

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28 JUN 2019 AT 11:02

हस्ते हस्ते खुद पर फिर से रो देना है
कहना था कुछ,कुछ कहके रो देना है

वो पागलों की तरह कर रही है मोहब्बत मुझसे
उसे नही पता उसने भी मुझे एकदिन खो देना है

कम अल्फ़ाज़ मिलते है बहुत कुछ कहने के लिए
बचपन की आदत है आखिरमें बस रो देना है

तन्हा लोगों को तलाशने का काम आया है हिस्सेमें
दुनिया को नही पता चिरागों का काम लो देना है

मैं जानता हूँ वो करती है मुझसे मोहब्बत बेइंतेहा
ये भी जानता हूँ इज़हार करते हुए उसने रो देना है

मैं दूर आ गया हूँ चलते चलते अपनी मिट्टी से
वापिस जाकर मैंने ख़ुदको फिरसे बो देना है

मैं इसलिए भी अब घर नही जाना चाहता हूँ दोस्तों
पापा कुछ कहते नही और माँ ने डाँटते डाँटते रो देना है

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27 JUN 2019 AT 14:01

किसको पता कि मकसद क्या है
ज़िन्दगी जी रहे है ज़िन्दगी जिये जा रहे है

उसकी बड़ी कमी खल रही है आज
उसके वास्ते पी रहे है उसके वास्ते पिये जा रहे है

कोशिश पूरी है होश ना आए हमको
एक ही नाम ले रहे है एक ही नाम लिये जा रहे है

कौन करता है यकीन हमपे भला
वादा कर रहे है वादा किये जा रहे है

उन्होंने इसीमें हासिल की है तालीम
धोखा दे रहे है धोखा दिये जा रहे है

ताउम्र हमको बस यही काम करना है
आसमा सी रहे है आसमा सिये जा रहे है

किसी दूसरे को पाने की खातिर "वर्माजी"
ख़ुदको खो रहे है ख़ुदको खोए जा रहे है

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