शर्मा जी का लड़का, अमरीका वाला
गया था जो लगाकर, हमारी लंका साला।
बचपन गुज़रा था हमारा भी लाडो में
माँ-बाप के लिए एक हम भी थे करोड़ो में
कहते थे करेगा नाम हमारा भी रौशन विदेशो में
मगर किसे पता था कि ये देशप्रेमी दिल था मतवाला
शर्मा जी का लड़का, अमरीका वाला
गया था जो लगाकर, हमारी लंका साला।
किस्मत के चक्र ने हमे अपने देश से निकलने न दिया
और शर्मा जी के लड़के को रुकने न दिया
न जाने कैसी दिखावटी प्रतियोगिता का भागी बना दिया
माँ-बाप की उम्मीदो पर पानी फेर डाला
शर्मा जी का लड़का, अमरीका वाला
गया था जो लगाकर, हमारी लंका साला।
किस्मत के चक्र ने फिर अपना पहियाँ घुमाया
और कोरोना नामक बीमारी ने अपना स्वाँग रचाया
कभी गाता था जो विदेश के गुण, मुसीबत में अपने देश ने ही गले लगाया
आखिर में सबकी आँखे खोलने वाला
शर्मा जी का लड़का, अमरीका वाला
गया था जो लगाकर, हमारी लंका साला।
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