Ritesh Jindal  
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Joined 6 March 2017


Joined 6 March 2017
10 MAY 2021 AT 17:37

ज़िन्दगी को सादा जीना भी,
कोई सादा काम नहीं।

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9 JAN 2021 AT 14:24

कौन कहता है कि इन्सान को सिर्फ अपने आप से निगाहे मिलानी होती है
मैने अक्सर लोगो को बेवजह सबका मूल्यांकन करते देखा है।

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15 DEC 2020 AT 18:44

॥सीरत अच्छी होनी चाहिये सूरत से क्या होता है॥

ऐसा कहने वालो को
अकसर मैने
खूबसूरती और बदसूरती
पे शायरी करते सुना है।

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12 DEC 2020 AT 12:06

जब समय था तब समझ ना पाए
समय के निकलते ही बोली
मेरा ही नाम ज़िन्दगी है।

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16 APR 2020 AT 23:28

शर्मा जी का लड़का, अमरीका वाला
गया था जो लगाकर, हमारी लंका साला।

बचपन गुज़रा था हमारा भी लाडो में
माँ-बाप के लिए एक हम भी थे करोड़ो में
कहते थे करेगा नाम हमारा भी रौशन विदेशो में

मगर किसे पता था कि ये देशप्रेमी दिल था मतवाला
शर्मा जी का लड़का, अमरीका वाला
गया था जो लगाकर, हमारी लंका साला।

किस्मत के चक्र ने हमे अपने देश से निकलने न दिया
और शर्मा जी के लड़के को रुकने न दिया
न जाने कैसी दिखावटी प्रतियोगिता का भागी बना दिया

माँ-बाप की उम्मीदो पर पानी फेर डाला
शर्मा जी का लड़का, अमरीका वाला
गया था जो लगाकर, हमारी लंका साला।

किस्मत के चक्र ने फिर अपना पहियाँ घुमाया
और कोरोना नामक बीमारी ने अपना स्वाँग रचाया
कभी गाता था जो विदेश के गुण, मुसीबत में अपने देश ने ही गले लगाया

आखिर में सबकी आँखे खोलने वाला
शर्मा जी का लड़का, अमरीका वाला
गया था जो लगाकर, हमारी लंका साला।

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5 NOV 2019 AT 23:53

"To make new acquaintance?"

"No way, I am very bad at making it."

"How come you so sure about it?"

"That's not your fault, you're not my only acquaintance who's so unsure about my things."

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2 JUN 2019 AT 22:01

ये दस्तूर है ज़िन्दगी का,
दुनियाँ मे तभी
ये वजूद है आदमी का।

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31 MAY 2019 AT 23:09

पलके भिगोते हो
आँसू टपकाते हो
सिसकियाँ भरते हो
बेचैन हो जाते हो
अपना असतित्व खोजते हो
दुनिया से कुछ अलग ही चलते हो
ग़ैरो की तो ख़ैर परवाह ही नही करते हो
इसे अपनी बदकिस्मति बताते हो
शायद इसलिए अपनो के दिल में भी कुछ खास घर नहीं कर पाते हो।

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30 MAY 2019 AT 23:24

intellect gets in the depths of despair,

segregated between ethical-unethical,
forgetting about being partial-impartial,

remembers only about it's self-esteem,
that's what it always quench to redeem.

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29 MAY 2019 AT 23:25

खा ले
ठोकर मगर
फिर भी
बेचारा है

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