मेरी आँख में है ये आयना, तुजे देखने बना हुआ,
तू छिपा हुआ, तू बसा हुआ मेरे दिल में तू दबा हुआ।
तेरे साथ की वो महफ़िले, मुजे याद है वो इसकदर,
तुजे भूल जाऊ तो क्या खता, उसकी याद में हु हर पहर।
तेरे साथ ही मेरी जंग है, उसे जीत ने की नुमाइशे,
हार गया तो क्या भला, तुजे खुस देख खड़ा हुआ।
तू चाहे तो मुजे छोड़ दे, मंज़ल को मेरी नया मोड़ दे,
में बिखरा हुआ, में टूटा हुआ, मंज़ल से तेरी में जुड़ा हुआ,
यू नही की है आशिकी, तेरे साथ ही मुजे बांधती,
कभी छोड़ती, कभी मोड़ती, रहा में हरदम बिखरा हुआ।
फिर बीती है ऐसी तिश्नगी, साथ ले चल मुजे तू युही,
मेरी ख़ामोशियो को पढ़के तू, मेरी कहानी को समज यही।
कभी यू भी तू भटक के यू, मेरी याद में फिर आके तू,
कुछ संभला हुआ कुछ धुंधला हुआ, इंसान ऐसा क्यों बना हुआ।
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