रोज़ इसी जद्दोजहद के साथ इबादत होती है कि कभी तो रूबरू साहिब हमें तेरे दीदार होंगे #राखी - #राखी
रोज़ इसी जद्दोजहद के साथ इबादत होती है कि कभी तो रूबरू साहिब हमें तेरे दीदार होंगे #राखी
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