मुफ़लिसी में वो पत्थर तोड़ रही थीभूख उसके पेट में नसें मरोड़ रही थीवो करती भी क्या किसी की माँ थीबच्चों के लिए पाई पाई जोड़ रही थी । #राखी - #राखी
मुफ़लिसी में वो पत्थर तोड़ रही थीभूख उसके पेट में नसें मरोड़ रही थीवो करती भी क्या किसी की माँ थीबच्चों के लिए पाई पाई जोड़ रही थी । #राखी
- #राखी