मेरे किरदार को फिर से गढ़ रहा है कोईइश्क़ के कलमे मेरे लिए पढ़ रहा है कोईवो जानता है मेरी फ़ितरत को फिर भीमेरी ज़ानिब इस दुनिया से लड़ रहा है कोई #राखी - #राखी
मेरे किरदार को फिर से गढ़ रहा है कोईइश्क़ के कलमे मेरे लिए पढ़ रहा है कोईवो जानता है मेरी फ़ितरत को फिर भीमेरी ज़ानिब इस दुनिया से लड़ रहा है कोई #राखी
- #राखी