29 MAR 2017 AT 3:49

बहुत देर हो गई
तेरी रहा देखते देखते
साँझ ढ़लने लगी
सूरज डुबने लगा
रात होने लगी
पँछी अपने घरों मे लौटने लगे
सभी अपने अपने गती से चलने लगे
और
तेरे आने की कोई खबर नहीं लगी
मन के अंदर का दर्द पानी बन के बहने लगा
आँखों से ऑंसू बहने लगे
इंतज़ार तेरा होने लगा😢
बहुत देर होने लगी
तेरी रहा मेरी रूह देखने लगी
अब तो लौट के आजाओ
अब तो लौट के आजाओ.......😢😢😢😢😢
मेरी जान निकलने लगी
Rakhi's om

- Rakhi's om