नवोदय नव निर्माण कर श्री माँ मेंरी अंतरात्मा में नव वर्ष में परम चैतन्य की वर्षा कर मेरी चेतना में नव वर्ष में निर्विचारिता प्रदान कर श्री माँ मेरे अंतर तमस में नवजीवन में मेरे आध्यात्मिक उत्थान में आने वाले बधाओं का विनाश कर श्री माँ
"प्रेम" आज हृदय में परमेश्वरी आई है मेरी चित्त को आज हृदय में रहने दो मां भगवती, मां भवानी के प्रेम में नहाने दो आज अबोधिता में मां के चरणों में रहने दो
आज चित्त को निर्विचारिता में रहने दो मेरी चेतना में चैतन्य को बहने दो मुझको मां भगवती के चरणों में रहने दो
मेरे सहस्रार में कमल को खेलने दो मेरे सहस्त्र में हृदय को धड़कने दो
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ह्र्दय में श्री माँ, सहस्त्रार से चैतन्य बहाये..... सभी चक्रों को चैतन्य से नहलायें, ह्र्दय में श्री माँ, सहस्त्रार में शून्य, ह्र्दय में श्री माँ,सहस्त्रार में निर्विचारता, ह्र्दय में भक्ति , सहस्त्रार में मुक्ति, ह्रदय मे ध्यान, सहस्त्रार में शून्यता, ह्रदय में जगदंबा, सहस्त्रार में सदाशिव..... Rakhi's