क़लम और स्याही से ये पैग़ाम लिख रहा हूँ,बरसों तक याद रहूँ ऐसी उड़ान लिख रहा हूँ,तुम संभाल कर रख लेना इसे तकिये तले,आख़िरी लफ़्ज़ों से तुझे सलाम लिख रहा हूँ, - © मुसाफ़िर
क़लम और स्याही से ये पैग़ाम लिख रहा हूँ,बरसों तक याद रहूँ ऐसी उड़ान लिख रहा हूँ,तुम संभाल कर रख लेना इसे तकिये तले,आख़िरी लफ़्ज़ों से तुझे सलाम लिख रहा हूँ,
- © मुसाफ़िर