मुसाफिर हूँ जिन्दगी के सफर कागल्तियाँ भी हुई होंगी मुझसेतुम तराजू में मगरमेरे पाँव के छाले भी रखना...!! - Aahil
मुसाफिर हूँ जिन्दगी के सफर कागल्तियाँ भी हुई होंगी मुझसेतुम तराजू में मगरमेरे पाँव के छाले भी रखना...!!
- Aahil