ठोकर दी ज़माने ने
पर तेरी नज़रों ने उठा दिया
बेवफाई के धक्के से गिरे
पर तेरी बाहों ने सम्भाल लिया
अपनों ने ही बैर किया
नैना ढके वफाई के पहरे से
तूने सहारा देकर मुझे
उठाया परदा उनके चहरे से
दिल मे जगह दी जिन्हें
उन्होंने ही वार किया
घावों पर मरहम लगाकर
तूने हर पल मुझे प्यार किया
शिकवा नहीं औरों से
हमें खुद से यह गिला है
करीबी रिश्ते निकले फरेबी
दोस्ती निभाने का मिला यह सिला है
तूने सभो से नफरत मोल ली
उनके इरादों को जानकर
खुद न जानी तेरी अहमीयत
माफी माँगती हूं यह गलती मानकर
- Prerna