26 MAY 2017 AT 22:01

जाते जाते जो तुम उंगलियों से
कुछ इशारे लिख गए थे मेरे दरवाज़े पर,
अब ये दरवाज़ा बंद होने में आवाज़ें करता है,
अक्सर खुला ही रहता है अब ये दरवाज़ा,

- ज़ौक़ | Zouq