जाते जाते जो तुम उंगलियों से कुछ इशारे लिख गए थे मेरे दरवाज़े पर,अब ये दरवाज़ा बंद होने में आवाज़ें करता है,अक्सर खुला ही रहता है अब ये दरवाज़ा, - ज़ौक़ | Zouq
जाते जाते जो तुम उंगलियों से कुछ इशारे लिख गए थे मेरे दरवाज़े पर,अब ये दरवाज़ा बंद होने में आवाज़ें करता है,अक्सर खुला ही रहता है अब ये दरवाज़ा,
- ज़ौक़ | Zouq