खुदगर्जी किसे कहते हमसे पूछिए सनमटूट के बिखरते तो कई लोग हैलेकिन जो खुद को आज भी समेत रहे हैंउन बदनसीबों मैं है हम। -
खुदगर्जी किसे कहते हमसे पूछिए सनमटूट के बिखरते तो कई लोग हैलेकिन जो खुद को आज भी समेत रहे हैंउन बदनसीबों मैं है हम।
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True insanity isn't when the world stops seeing "sense" in youIt rather is when you stop seeing sense in this "world" -
True insanity isn't when the world stops seeing "sense" in youIt rather is when you stop seeing sense in this "world"
पता नही शराब क्यों बदनाम हैमैं तो पीने के बाद अपने गुनाह जोड़ता हूंऔर अक्सर अपने अहम को तोड़ता हूंकभी पुराने गलतियों की माफी मांगता हूंऔर अपने खुदगर्जी के लिए खुद को सूली पे टांगता हूं।।यूं तो ऐब सारे हम में हैऔर कहने को शराब बदनाम है।। -
पता नही शराब क्यों बदनाम हैमैं तो पीने के बाद अपने गुनाह जोड़ता हूंऔर अक्सर अपने अहम को तोड़ता हूंकभी पुराने गलतियों की माफी मांगता हूंऔर अपने खुदगर्जी के लिए खुद को सूली पे टांगता हूं।।यूं तो ऐब सारे हम में हैऔर कहने को शराब बदनाम है।।
ग़ालिब भी कुछ अजीब ही होंगेया तो जीने पे याद आते हैया तो पीने पेपर जो भी है ग़ालिबसाथ नही छोड़ते है आपइसलिए रहते है हम आपके हमेशा मुरीद !! -
ग़ालिब भी कुछ अजीब ही होंगेया तो जीने पे याद आते हैया तो पीने पेपर जो भी है ग़ालिबसाथ नही छोड़ते है आपइसलिए रहते है हम आपके हमेशा मुरीद !!
बारिश ने आज छत को उसकी औकात बता दीपर हमने भी बारिश से न हारने की जिद दिखा दीयूं तो बारिश को बहुत से पतीले में कैद कर लिया हमनेपर पता नही क्यों आंसू और जज़्बात सब भिगोए जा रहे हैं -
बारिश ने आज छत को उसकी औकात बता दीपर हमने भी बारिश से न हारने की जिद दिखा दीयूं तो बारिश को बहुत से पतीले में कैद कर लिया हमनेपर पता नही क्यों आंसू और जज़्बात सब भिगोए जा रहे हैं
तेरी बात झूठी निकली आखिरकहती थी तू की काले बादल हमेशा बारिश लाते हैतेरे जाने के बाद दिल से ये काले बादल हटते ही नहीपर आखें अब भी बूंदे बरसाने को नाकाम हैपता नही तेरी झूठ से ज्यादा परेशान हूं मैंकी अपनी खुदगर्जी देख हैरान है। -
तेरी बात झूठी निकली आखिरकहती थी तू की काले बादल हमेशा बारिश लाते हैतेरे जाने के बाद दिल से ये काले बादल हटते ही नहीपर आखें अब भी बूंदे बरसाने को नाकाम हैपता नही तेरी झूठ से ज्यादा परेशान हूं मैंकी अपनी खुदगर्जी देख हैरान है।
इश्क में अपने अक्स को ढूंढता इंसानअपनी पहचान अश्क को बना घूम रहा है।सवाल तो उसे माशूक से पूछने थे परअब अपने खुदा से जवाब ढूंढ रहा है ।यूं तो ख्वाब देखे के साथ जीने केपर आज मौत को अकेले ढूंढ रहा है।। -
इश्क में अपने अक्स को ढूंढता इंसानअपनी पहचान अश्क को बना घूम रहा है।सवाल तो उसे माशूक से पूछने थे परअब अपने खुदा से जवाब ढूंढ रहा है ।यूं तो ख्वाब देखे के साथ जीने केपर आज मौत को अकेले ढूंढ रहा है।।
पता नही ज्यादा बदनसीब कौन हैवो जो रास्ते को घर बना लेते हैया फिर वोजो घर बैठे रास्ते ढूंढते रहते है।। -
पता नही ज्यादा बदनसीब कौन हैवो जो रास्ते को घर बना लेते हैया फिर वोजो घर बैठे रास्ते ढूंढते रहते है।।
कुछ लोग नई सेहर का इंतजार कर रहे हैऔर कुछ नई जहर का इंतजार कर रहे हैऔर कुछ हम जैसे पागल है, जो जहर पी सेहर देख लेते हैऔर खुद को अमर समझ लोगो पर इतवार कर लेते है।। -
कुछ लोग नई सेहर का इंतजार कर रहे हैऔर कुछ नई जहर का इंतजार कर रहे हैऔर कुछ हम जैसे पागल है, जो जहर पी सेहर देख लेते हैऔर खुद को अमर समझ लोगो पर इतवार कर लेते है।।
मौला मौत से पहले बस दो हो आरजू हैया अपना असली चेहरा दिखा दे या माशूक काखैर तुझसे तो मिलना ही होगा इंतकाल के बादबस यूं कर माशूक को बेनकाब कर देवह क्या है न तू अगली बार भेजेगा मुझेतो कमसे कम अपनो पर कत्ल का इल्ज़ाम नहीं होगा।। -
मौला मौत से पहले बस दो हो आरजू हैया अपना असली चेहरा दिखा दे या माशूक काखैर तुझसे तो मिलना ही होगा इंतकाल के बादबस यूं कर माशूक को बेनकाब कर देवह क्या है न तू अगली बार भेजेगा मुझेतो कमसे कम अपनो पर कत्ल का इल्ज़ाम नहीं होगा।।