चाँद सी खूबसूरत है वो
लिहाज़ा हमसे दूर है वो -✍प्रमोद रंजन मिश्रा
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ज़माना सोचता है मैं शौक से लिखता हूँ
कमबख़्त उन्हें बताएं कोई मैं
तो दिल की तन्हाई को मिटाता हूं --✍प्रमोद रंजन मिश्रा-
निगाहों से यूं न छुआ करो
पीछे मेरे यूं न पड़ा करो
जो है मोहब्बत तुम्हें सच्ची
तो बदन छोड़ दिल मेरा छू लिया करो-
इरादा जो तुझे भूल जाने का अगर मेरा होता
तो ये काम मैं कब का कर जाता..
वादा तेरा न होकर, तेरे रहने का दिल से था
कमबख़्त दिल इतना ईमानदार होगा
ये अंदाज़ा न था जो होती अगर इसकी ख़बर मुझे, तो अपना दिल तुझको मैं न दिया होता
❣️- - - - Prm-
इश्क़ करते हो या कुछ काम भी करते हो..
Online ओर क्या क्या करते हो???
कभी DP बदलते हो कभी status बदलते हो
जो है मोहब्बत तो इज़हार क्यू नहीं करते हो??
कहीं कलम को महबूबा और शायरी को ही, इश्क़ तो नहीं समझते हो..???
✍️✍️ - - - - प्रमोद रंजन मिश्रा-
वॉट्सऐप में स्टेटस डाल कर रखना
मेरे किस्से को पाल कर रखना
गैर मौजूदगी में मेरे काम आएगी
ये प्यार❤️ संभाल कर रखना - - ✍️ Prm-
इस मुग़ालते में मत रहना मेरे दोस्त
कि वो तुझे कबूल करलेगी कभी
सूखे हुए पेड़ कबूल नहीं किए जाते
उनका तो केवल इस्तेमाल होता है - - - प्रमोद रंजन मिश्रा-
जिस जमीं पर पौधे का एक बीज़ न हो
उस बंजर जमीन को, बारिश का इंतज़ार हो रहा है
जिससे मिले न है हम सदियों से
उसी शख्स से मोहब्बत बेपनाह हो रहा है
- - -✍️ प्रमोद रंजन मिश्रा-
कहने को तो मोहब्बत दिलों का रिश्ता है
मगर लोग इसमें दिमाग बहुत लगाते है
- - - -✍️ प्रमोद रंजन मिश्रा
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मैं जो कह नहीं पाता हूँ
वो शायरी तुझको सुना ता हूँ
न जाने क्या है वास्ता तुझसे
की किसी और को सोच भी नहीं पाता हूँ
तू इस सर्द हवाओं सी बहती है
मैं किसी आदमी सा थरथराता हूँ
- - ✍️प्रमोद रंजन मिश्रा
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