कदम डगमगाते हे आज उन गलियों से गुजरने में।जहा पे कभी हमारी मुस्कान इंतज़ार करा करती थी।। - B💙TT💙M HEART✍®
कदम डगमगाते हे आज उन गलियों से गुजरने में।जहा पे कभी हमारी मुस्कान इंतज़ार करा करती थी।।
- B💙TT💙M HEART✍®