17 JAN 2017 AT 3:07

एक फूल पसंद आया, तोड़ा और पास रख लिया।
कुछ वक़्त की ही थी दिल्लगी...
क्या मालूम था,
बस यादों के रंग ही रह जाएँगे कुछ धुंधले से...
महक जिनमें अब बाकी नहीं।

- P. S. Aislinn