Pooja Sahu   (pooja sahu)
1.3k Followers · 28 Following

Joined 22 January 2017


Joined 22 January 2017
24 OCT 2019 AT 1:05

खुद का इतना बोझ क्यों
क्या बुन रहा, क्यों बन रहा
मिट्टी का है इन्सान तू
क्यों सज रहा, क्या दिखा रहा

-


14 JUL 2019 AT 11:50

अफवाहों में आंधी की लालसा थी
ना जाने ये शाम दुल्हन कब बनी ।

-


7 JUL 2019 AT 19:40

एक सुबह आसमान में सजती है
और सैकड़ों उम्मीद की बारात ज़मीन पे
फासला ही तय कर रहे होते कि
शाम रिश्ता तोड़ जाती

-


13 APR 2019 AT 0:27

kismat kadak patti si nahi,
par mijaz tez adrak sa hai
iss zindegi toh sapno ka payala bana le,
baith ke taazi chuski fr kabhi


-


16 SEP 2018 AT 11:37

कभी महफ़िलें थी सजती
चाय के स्वाद से, गपशप की आवाज़ से
अब बस थोड़ा यादों के ज़ायके चख लेते
और तस्वीरों में दोस्तों के साथ पनाह मिल जाती

-


11 AUG 2018 AT 19:56

हिसाब देख रही भटके क़दमों का,
कहीं वो रास्ता मिल जाऐ,
जहाँ इतना नशा था उसका,
कि नामुमकिन मंज़िल वही था,
और वापसी के निशान भी नहीं थे,
नाजाने मोहब्बत थी या हम लापता थे

-


5 AUG 2018 AT 14:33

तमाम शायरों के लफ़्ज़ हार जायेंगे
जब ये नज़रें बहस करने लगेंगी

-


1 AUG 2018 AT 0:24

एक सुबह आसमान में सजती हैं
और सैकड़ों उम्मीद की बारात ज़मीन पे
फासला ही तय कर रहे होते कि
शाम रिश्ता तोड़ जाती

-


28 JUL 2018 AT 18:36



पटरी की लत ना लगाना ऐ ज़िंदेगी,
कुछ ठिकानों को रास्ते नहीं,
इरादों की हवा ले जाती है

-


10 MAY 2018 AT 21:41


सोचो सबका किस्मत काव्य अगर बिना लकीर के होते हाथ, खुदा भी उत्सुक देखता, दोश असफलता का क्या फिर भी उसी को देता इन्सान ।

-


Fetching Pooja Sahu Quotes