28 MAY 2017 AT 10:14

** मन **

बावरा सा हैं यह मन,
दुनिया के सामने उसका नाम नहीं सुनने की इच्छा व्यक्त करता हैं और तनहाई में उसकी याद में डूबा रहना चाहता हैं |

दुनिया के सामने उसके अस्तित्व से मुकरता हैं और अकेले में उसी की तस्वीर खोजता हैं |

दिखाने के लिए उसी को टकराने से डरता हैं परंतु उसी की तलाश में भटकता हैं ,

अलबेला सा ही हैं ये मन |

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