22 MAY 2017 AT 15:13

# 2 #
जिस दिन भी तुम किसी ध्यान में
चली जाती हो ......
कहीं खो सी जाती हो
तुम भी ना ...

और मैं बस पागलों की तरह ही,
खोजा करता हूँ तुमको.......
कभी गीत में-
कभी सुर संगीत में.....
कभी मेरे मन में-
कभी धड़कन में.....

हो जाता हूँ कुछ अजीब सा
जैसे जीवन में होकर भी निर्जीव सा
तुम भी कहो ना .. कुछ तो ...

तुम्हें खोना ही है तो मुझमें खो जाओ
और फिर
मैं तुममें पा लूंगा खुद को
और फिर
तुम मुझमें ही पाओगी खुद को..
=====================
21 /05 /2016

-