शुरुआत वही से जहाँ पे मिले थे..
दोस्त बनने से पहले जमकर लड़े थे।
सूनी कलाई की राखी बन गयी थी..
मेरे गुस्से के संग भी मेरी बेस्टी बन गयी थी।।
सफर ये लंबा है और यू ही चलेगा.
आने दे लखनऊ अपुन तुझसे मिलेगा।।
मिलकर देखेंगे शाहरुख की पिक्चर..
चलेगे एडवेंचर पार्क लगेंगे चक्कर।।
छोटू है तू पर बहुत समझदार..
पतली सी दिखती है दिल से दमदार।
भोली भी है नखराली भी..
दोस्त भी है बहन भी..
लिखता हूं तो शायद शब्द कम पड़ते हैं
क्या हो तुम मेरे लिए ये बताना मुश्किल है।
रोती है तो पगलो लगती है..
पर जब हस्ती है तो बहुत खिलती है।।
लिखें साथ रहे हर पल को तो ग्रंथ बन जायेगा..
पर मेरा दिल सब कह ना पाएगा।।
- "नीर_नादान"