19 MAR 2017 AT 23:42

मेरा
सबसे बड़ा
डर है कि
तुम बदल ना जाओ
कहीं ज़माने की
रौ में बह ना जाओ
तुम्हारा ख़्वाब
क़ामयाबी है
और मेरा ख़्वाब
तुम्हारी ख़ुशी है
जब भी
तुमसे बात हुई
यही कहा
हर बार,बार-बार
कि तुम बदल मत जाना
मेरे लिए
ये एहसास काफ़ी है कि
मैं याद हूँ तुम्हें
जब भी गाहे बगाहे
बात करो यही अपनाइयत हो
हम दूर दूर भले हों
लेकिन इक दूसरे से जुदा न हों
मैंने तुमसे कहा था
जिस दिन तुम्हारा
लहज़ा बदल जाएगा
तुम मुझे खो दोगे
मैं चली जाऊंगी ख़ामोशी से
तुम हँस दिए थे
थोड़ी देर ठहरते हुए कहा
मुझे पता है
तुम कहीं नहीँ जाओगी
मेरा यक़ीन है
तुम मिलोगी मुझे इंतज़ार करती
हाँ सच कहा तुमने
मैं नहीं बदल सकती तुम्हारी तरहा
मेरा इश्क़ ईमान है मेरा
मैं बेईमान नहीं बन सकती।

- Nida Rahman