जब आसमान में वो गुलाबी रंग होता है
जिसमें बाकी सब रंग बिखरे नज़र आते हैं ।
जब हवा एक ठंड के साथ बहती है
और बारिश होने के बाद जैसी हल्की होती है ।
जब हवा के साथ घुली हुई सौंधी
और फूलों की खुशबू एक साथ उठती है ।
जब कानौं को वो धुन सुनाई देती है
जिसपे टहनीयां थिरक रही होती हैं
और पत्तौं की सनसनाहट जिसे ताल देती है ।
उन रंगों को समेटते हुए पलटो, तो गहरे नीले के बीच
एक धुंधला चांद बादलों के पीछे छुपकर
सूरज के जाने का इंतजार करता है ।
उसपर चाहे जितनी शायरी बरसाई जाये और
सूरज को उसकी धूप के लिए कोसा जाये,
वो फिर भी अदब से सूरज के आते झुकेगा ।
वो जानता है कि अपने हुनर से वह
चाहे कितने दिलों पर राज करले और
जितनी तारीफें अपने नाम कर ले
उसकी यह रोशनी सदा सूरज की ही अमानत रहेगी ।।
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