9 FEB 2017 AT 1:19

जब तू पास मेरे आती है,
धड़कन तेज़ हो जाती है,

कान को होंठो से छू जाती है,
रूह तक सिहर जाती है,

साँसों से सांसें टकराती है,
कई अरमान जगाती है,

नाखून जब गड़ाती है,
सिसक निकल जाती है,

बाँहों में भर जाती है,
तपिश सी जगाती है,

पीठ पे नाम बनाती है,
जब उँगली भगाती है,

उंगलियां जब चबाती है,
सुरूर सा बनाती है,

सुर्ख होंठ टकराती है,
बहुत कुछ कर जाती है,

दुनिया भूल जाती जाती,
प्यार जब निभाती है,

बदहवास खो जाती है,
गले से जब लगाती है,

- MayankTiwari मध्यमवर्गीय